Respect each other at home, do not dominate anyone, Bapu showed the way to salvation

Nowadays people get frustrated, sad, scared, discouraged and tired of small things. As soon as the eye is opened in the morning, negative thoughts surround the human being. Why would this happen to me ?, Can I do it or not ?, If I don't get success? Etc. Etc ... The day that begins in anxiety ends in anxiety and thus years and years of life pass.


It is natural to fail the exam or get a poor result, to fail in business, not to do as desired, not to do the expected work or not to meet the requirements. But who cares! We want instant, not patience at all. Without effort, there is no need to try again. To succeed but not to struggle. It's just that we haven't had trouble or frustration since we were little, so what's the point of fighting in front of us? In such a situation, it has become common to take the wrong step without even thinking about it. This is the same dilemma for people who have crossed a certain age, but also for young people and novelists who are on the verge of youth. No one has confidence or faith in God. The opposite is happening in every area of ​​life. Alas, relationships like this today are not excluded from this.


Why does a man sit in a trap like fear, anger, indifference, doubt and epilepsy? What does such a dead-minded man want? Obviously motivated. As part of this effort, Divya Bhaskar has started a daily series called 'Morning Motivation with Moraribapu'. In this series, you can enjoy Bapu's motivational speech in the form of audio podcast. Bapu's voice can transmit energy in discouragement. Makes a commitment to be able to succeed without showing shortcuts. You can enjoy such interesting, inspirational and motivational podcasts on the homepage of Divya Bhaskar app daily from 6-30 am to 11 pm and throughout the day in Dharmadarshan section.


In today’s podcast Moraribapu talks about respecting each other at home. Moraribapu says, love one another, do not return to his soul because, one cannot kill one's soul. It is necessary to come out of the tendency to subjugate each other. At the same time, Bapu talks about not seeing anyone's fault. Moraribapu said that if such small things are taken care of, that is the true salvation of life. So let's enjoy today's podcast.


आजकल लोग छोटी-छोटी बातों से निराश, उदास, भयभीत, निराश और थक जाते हैं। प्रातः काल आँख खुलते ही मनुष्य के चारों ओर नकारात्मक विचार आ जाते हैं। मेरे साथ ऐसा क्यों होगा?, मैं कर सकता हूं या नहीं?, अगर मुझे सफलता नहीं मिली तो? वगैरह वगैरह... चिंता से शुरू होने वाला दिन चिंता में खत्म होता है और इस तरह जिंदगी के साल और साल बीत जाते हैं।


परीक्षा में असफल होना या खराब परिणाम प्राप्त करना, व्यवसाय में असफल होना, मनचाहा काम न करना, अपेक्षित कार्य न करना या आवश्यकताओं को पूरा न करना स्वाभाविक है। पर किसे परवाह है! हम तत्काल चाहते हैं, धैर्य बिल्कुल नहीं। प्रयास के बिना, फिर से प्रयास करने की कोई आवश्यकता नहीं है। सफल होने के लिए लेकिन संघर्ष करने के लिए नहीं। बात सिर्फ इतनी है कि जब हम छोटे थे तब से हमें कोई परेशानी या हताशा नहीं हुई, तो हमारे सामने लड़ने की क्या बात है? ऐसे में बिना सोचे-समझे गलत कदम उठाना आम बात हो गई है। एक निश्चित उम्र पार कर चुके लोगों के लिए भी यही दुविधा है, बल्कि युवा लोगों और उपन्यासकारों के लिए भी जो युवावस्था के कगार पर हैं। ईश्वर में किसी का विश्वास या विश्वास नहीं है। जीवन के हर क्षेत्र में इसके विपरीत हो रहा है। काश, ऐसे रिश्ते आज भी इससे अछूते नहीं होते।


भय, क्रोध, उदासीनता, संशय और मिरगी के जाल में मनुष्य क्यों बैठा रहता है? ऐसा मरा हुआ आदमी क्या चाहता है? स्पष्ट रूप से प्रेरित। इसी प्रयास के तहत दिव्या भास्कर ने 'मॉर्निंग मोटिवेशन विद मोरारीबापू' नाम से एक डेली सीरीज शुरू की है। इस श्रृंखला में आप ऑडियो पॉडकास्ट के रूप में बापू के प्रेरक भाषण का आनंद ले सकते हैं। बापू की वाणी निराशा में ऊर्जा का संचार कर सकती है। शॉर्टकट दिखाए बिना सफल होने की प्रतिबद्धता बनाता है। आप दिव्य भास्कर ऐप के होमपेज पर रोजाना सुबह 6-30 बजे से रात 11 बजे तक और धर्मदर्शन सेक्शन में इस तरह के दिलचस्प, प्रेरणादायक और प्रेरक पॉडकास्ट का आनंद ले सकते हैं।


आज के पॉडकास्ट में मोरारीबापू घर में एक-दूसरे का सम्मान करने की बात करते हैं। मोरारीबापू कहते हैं, एक दूसरे से प्यार करो, उसकी आत्मा में मत लौटो, क्योंकि कोई अपनी आत्मा को नहीं मार सकता। एक दूसरे को अपने अधीन करने की प्रवृत्ति से बाहर आना जरूरी है। वहीं बापू किसी की गलती न देखने की बात कहते हैं। मोरारीबापू ने कहा कि यदि ऐसी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो यही जीवन का सच्चा उद्धार है। तो चलिए आज के पॉडकास्ट का आनंद लेते हैं।

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